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दांत निकालने के बाद आंखों की रोशनी कम हो जाती है? जानिए इस रहस्य का सच!

क्या आपने कभी सुना है कि दांत निकालने के बाद आंखों की रोशनी कम हो जाती है? यह एक ऐसी बात है जो कई लोगों के मन में डर पैदा करती है। कई लोग इस डर से दांत निकलवाने से भी कतराते हैं। लेकिन क्या यह सच है? क्या वाकई में दांत निकालने से आंखों पर असर पड़ता है? आइए इस रहस्य की गहराई में जाते हैं और जानते हैं इसके पीछे की सच्चाई।

दांत और आंखें - क्या है इनका संबंध?

हमारे शरीर में सब कुछ एक दूसरे से जुड़ा हुआ है। मुंह और आंखें भी एक दूसरे के बहुत करीब हैं। ऐसे में यह सोचना स्वाभाविक है कि एक जगह कुछ करने से दूसरी जगह पर असर पड़ सकता है। कई लोगों का मानना है कि ऊपर के दांत निकालने से आंखों पर सीधा प्रभाव पड़ता है। लेकिन क्या यह सच है?

लोगों के अनुभव क्या कहते हैं?

कई लोग बताते हैं कि दांत निकलवाने के बाद उन्हें आंखों में कुछ अजीब सा महसूस हुआ। कुछ लोगों को लगा कि उनकी नज़र कमजोर हो गई है। कुछ ने कहा कि उन्हें आंखों में भारीपन महसूस हुआ। ये अनुभव इतने आम हैं कि लोगों ने इसे सच मान लिया। लेकिन क्या ये अनुभव वाकई में दांत निकालने से जुड़े हैं?

डॉक्टर क्या कहते हैं?

डॉक्टरों का कहना है कि दांत निकालने और आंखों की रोशनी कम होने का कोई सीधा संबंध नहीं है। फिर भी, कई लोग इस मिथक को सच मानते हैं। तो फिर ऐसा क्यों होता है? क्या कोई वैज्ञानिक कारण है जो इस मिथक को जन्म देता है?

रहस्य का खुलासा

अब आइए इस रहस्य का पर्दाफाश करते हैं। दरअसल, यह सब एक छोटी सी प्रक्रिया से जुड़ा है जो दांत निकालते समय होती है। जब डेंटिस्ट ऊपर के अगले दांत निकालते हैं, तो वे एक खास नस को सुन्न करते हैं। इस नस का नाम है इन्फ्राऑर्बिटल नर्व।

यह इन्फ्राऑर्बिटल नर्व क्या है?

इन्फ्राऑर्बिटल नर्व एक ऐसी नस है जो कई हिस्सों को संवेदना देती है। इसमें शामिल हैं:

  1. ऊपरी होंठ
  2. निचली पलक
  3. नाक का किनारा
  4. गाल
  5. ऊपर के अगले दांत
  6. दाढ़ के दांत
  7. पहले बड़े दांत की जड़

जब डेंटिस्ट इस नस को सुन्न करते हैं, तो कभी-कभी मरीज को निचली पलक में भारीपन महसूस होता है। यही वह क्षण है जब लोगों को लगता है कि उनकी आंखों की रोशनी कम हो गई है।

लेकिन क्या वाकई में आंखें कमजोर हो जाती हैं?

बिल्कुल नहीं! डेंटिस्ट जो एनेस्थीसिया देते हैं, वह लोकल एनेस्थीसिया होता है। इसका असर 1-2 घंटे में खत्म हो जाता है। इसके बाद मरीज को फिर से सामान्य संवेदना महसूस होने लगती है। इसलिए इस मिथक का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है।

तो फिर लोग ऐसा क्यों महसूस करते हैं?

कई बार, दांत निकलवाने का डर या तनाव लोगों को ऐसा महसूस करा सकता है कि उनकी आंखों पर असर पड़ रहा है। कभी-कभी एनेस्थीसिया का असर भी लोगों को भ्रमित कर सकता है। लेकिन यह सब अस्थायी होता है और इसका आंखों की रोशनी से कोई लेना-देना नहीं है।

क्या करें अगर आपको ऐसा लगे?

अगर आपको दांत निकलवाने के बाद आंखों में कोई परेशानी महसूस हो, तो घबराएं नहीं। यह सामान्य है और जल्द ही ठीक हो जाएगा। फिर भी, अगर आपको कोई चिंता है, तो अपने डेंटिस्ट से बात करें। वे आपको सही सलाह देंगे।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल:

नहीं, सिर्फ ऊपर के कुछ दांतों के लिए इन्फ्राऑर्बिटल नर्व को सुन्न किया जाता है। यह नर्व निचली पलक को भी संवेदना देती है, जिससे कुछ लोगों को आंखों में अजीब सा महसूस हो सकता है। लेकिन यह असर अस्थायी होता है और आंखों की रोशनी पर कोई स्थायी प्रभाव नहीं डालता।

बिल्कुल नहीं, यह असर अस्थायी होता है और आमतौर पर कुछ घंटों में ही खत्म हो जाता है। डेंटिस्ट द्वारा दिया गया लोकल एनेस्थीसिया 1-2 घंटे में अपना प्रभाव खो देता है। इसके बाद आप फिर से सामान्य महसूस करेंगे। यदि असर लंबे समय तक रहता है, तो अपने डेंटिस्ट से संपर्क करें।

नहीं, दांत निकालना एक सामान्य और सुरक्षित प्रक्रिया है। आधुनिक तकनीकों और एनेस्थीसिया के कारण यह प्रक्रिया बहुत कम दर्दनाक होती है। अपने डेंटिस्ट से अपने डर के बारे में बात करें, वे आपको आश्वस्त करेंगे और प्रक्रिया को आरामदायक बनाने में मदद करेंगे।

यदि आपको दांत निकालने के बाद आंखों में कोई असामान्य परेशानी महसूस हो, तो तुरंत अपने डेंटिस्ट या आंखों के डॉक्टर से संपर्क करें। हालांकि ऐसी समस्याएं बहुत दुर्लभ हैं, फिर भी सावधानी बरतना अच्छा है। वे आपकी स्थिति का मूल्यांकन करेंगे और उचित उपचार सुझाएंगे।

हां, दांत निकलवाने से पहले कुछ सावधानियां बरतना महत्वपूर्ण है। अपने डेंटिस्ट को अपनी सभी स्वास्थ्य समस्याओं, दवाओं और एलर्जी के बारे में बताएं। प्रक्रिया से पहले अच्छी तरह से खा-पी लें और आराम करें। धूम्रपान और शराब से बचें। साथ ही, किसी को अपने साथ लाएं जो आपको घर वापस ले जा सके।

निष्कर्ष:

तो अब आप जान गए हैं कि दांत निकालने से आंखों की रोशनी कम होने का मिथक सिर्फ एक भ्रम है। यह एक छोटी सी प्रक्रिया का नतीजा है जो कुछ घंटों में ठीक हो जाता है। अगली बार जब आप दांत निकलवाने जाएं, तो बेफिक्र रहें। आपकी आंखें बिल्कुल सुरक्षित हैं!

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