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क्या आपको पता है कि आपके मुंह में एक छिपा हुआ टाइम बम हो सकता है? जी हां, हम बात कर रहे हैं अक्ल दाढ़ की! यह वो रहस्यमयी दांत है जो या तो आपके मुसकुराने का कारण बन सकता है, या कभी परेशानी का। अगर आपकी उम्र 21 साल से ज्यादा है और अभी तक आप को अपने मुँह में तीन दाड़ नहीं दिख रहे है तो आपको अक्ल दांत की समस्या हो सकती है ।
आइए जानते हैं कि यह मुंह का छिपा खजाना या संभावित खतरा क्या है और इसके बारे में क्या-क्या जानना आपके लिए जरूरी है।
गाजियाबाद के प्रसिद्ध डेंटल पार्क के दंत ऐवम मुख रोग विशेषज्ञ डॉ. आकाश अरोड़ा ने अक्ल दाढ़ के बारे में कई चौंकाने वाली जानकारियां साझा कीं। आइए इस रहस्य को एक-एक करके खोलते हैं और जानते हैं कि क्यों यह आपके जीवन का एक महत्वपूर्ण पहलू हो सकता है।
अक्ल दाढ़ क्या है?
अक्ल दाढ़ वो दांत है जो आपके मुंह में सबसे आखिर में आता है। इसे अंग्रेजी में विज़डम टूथ कहते हैं। ये दांत आपकी जिंदगी में सबसे आखिर में आता है, बिल्कुल उसी तरह जैसे कोई मेहमान पार्टी खत्म होने के बाद पहुंचे। ज्यादातर अक्कल दाड़ तो शरीफ मेहमान की तरह होती है, जो लेट आने के बावजूद अपनी जगह बना कर अजस्ट हो जाती है, मगर कुछ बिगड़ैल दोस्त के टाइप की होती है, लेट होकर भी जल्दी आने वाले की जगह लेने की इच्छा! इस टाइप के दांत होने पर अक्सर दुविधा होती है, कि थोड़ी बहुत परेशानी झेले और उसे अजस्ट होने का टाइम दे, या फिर बाहर निकाल कर शांति से जिए!
आमतौर पर हर व्यक्ति के मुंह में चार अक्ल दाढ़ होती हैं – दो ऊपर और दो नीचे। लेकिन कुछ लोगों में ये कम या ज्यादा भी हो सकती हैं। यह बात आपको हैरान कर सकती है, लेकिन कुछ भाग्यशाली लोगों में ये दांत बिल्कुल नहीं होते!
अक्ल दाढ़ कब निकलती है?
अक्ल दाढ़ आमतौर पर 17 से 25 साल की उम्र के बीच निकलती है। लेकिन याद रखिए, यह हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकता है। कुछ लोगों में ये जल्दी आ जाती हैं, तो कुछ में देर से। यह हमारे शरीर की प्राकृतिक अवस्था है, बिल्कुल वैसा ही जैसे स्कूल में कुछ बच्चे जल्दी बड़े हो जाते हैं और कुछ देर से।
क्या करें अगर अक्ल दाढ़ समय पर न निकले?
अगर आपकी उम्र 25 साल से ज्यादा हो गई है और आपको लगता है कि आपकी अक्ल दाढ़ अभी तक नहीं निकली है, तो घबराने की कोई बात नहीं है। ऐसी स्थिति में आप डेंटल पार्क के अनुभवी दंत चिकित्सक से संपर्क कर सकते हैं। डॉ आकाश अरोरा एक्स-रे की मदद से देख सकते हैं कि आपकी अक्ल दाढ़ कहाँ है और क्या वह सही तरीके से बढ़ रही है या नहीं।
कभी-कभी अक्ल दाढ़ जबड़े के अंदर ही छिपी रह जाती है, जिसे हम नहीं देख पाते। ऐसी स्थिति में डॉ आकाश अरोरा आपको बताएंगे कि क्या करना चाहिए। याद रखिए, हर समस्या का समाधान होता है! जरूरी नहीं है कि आपको अक्कल दाड़ निकलवानी ही पड़े! अक्कल दाड़ तभी निकलवानी पड़ती है, अगर वो इम्पैक्टेड हो!
इम्पैक्टेड विज़डम टूथ क्या है?
अगर आप एक भीड़ भरी बस में चढ़ना चाहते हैं, लेकिन जगह न होने के कारण अटक जाते हैं, उसी प्रकार कभी-कभी अक्ल दाढ़ पर्याप्त जगह न होने के कारण सही तरीके से नहीं निकल पाती और जबड़े में ही फंस जाती है। इसे इम्पैक्टेड विज़डम टूथ कहते हैं।

इम्पैक्टेड विज़डम टूथ कई तरह की हो सकती है:
- कभी यह सीधी खड़ी होती है लेकिन बाहर नहीं आ पाती।
- कभी यह तिरछी हो जाती है और पास के दांत को धक्का देती है।
- और कभी यह पूरी तरह से उल्टी हो जाती है।
कोई भी अक्कल दाड़ अगर अपनी सही जगह और अवस्था में नहीं है, उसे मेडिकल भाषा में इम्पैक्टेड विज़डम टूथ कहा जाता है!
इम्पैक्टेड विज़डम टूथ के साइड इफेक्ट्स
इम्पैक्टेड विज़डम टूथ के कई साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं:
अक्कल दाड़ अपने में खुद से कोई तकलीफ नहीं देती, मगर क्योंकि यह सीधी नहीं होती इस कारण से इसके और आगे वाले दांत या पीछे वाली हड्डी में अक्सर खाना फ़स जाता है, जो खुद से साफ नहीं हो पाता! यह दांत अक्सर ऐसी जगह पर होते है, जहा टूथ्ब्रश से भी सफाई नहीं हो पाती है! अक्कल दाड़ की वजह से होने वाली तकलीफों में मुख्यता निम्नलिखित परेशानी देखने को मिलती है:
- दर्द और सूजन: अगर अक्कल दाड़ के ऊपर का मांस ऊपर और नीचे के दांतों के बीच में दाब जाए, या फिर उस मांस के बीच में खाना फसा रह जाए, तो दांत के ऊपर के मसूड़े में दर्द और सूजन महसूस होती है!
- संक्रमण: यही सड़ा हुआ खाना या दबा हुआ मांस कुछ दिनों में किटाणुओ द्वारा संक्रमित हो जाता है! मुह में खून की सप्लाइ प्रचुर मात्रा में होती है! जिस कारण से वो मरीज जिन की प्रतिरोधक क्षमता कम हो, जैसे के शुगर के मरीज, स्टेरॉइड लेने वाले पैशन्ट, या एचआईवी ऐवम एड्स से ग्रसित मरीज, उन में यह संक्रमण खून में मिल कर अन्य अंगों में फैलता है! इस अवस्था को bacteremia कहते है! जो आगे चल कर septicemia में बदल जाता है और किडनी, लिवर, दिल इत्यादि को नुकसान पहुँचाता है!
- पास के दांतों को नुकसान: जिन लोगों की प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होती है, उनमे bacteremia / septicemia के चांस तो कम होते है, मगर लंबे समय तक सड़े हुए खाने में पनपने वाले किटाणु तेजाब बनाते है, जिस से बगल वाले दांतों में कैविटी हो जाती है, जिसे आम भाषा में दांत में कीड़ा लगना कहते है ।
- मसूड़ों में समस्या: यही किटाणुओ का बनाया तेजाब अगर दांत की जगह मसूड़ों में लगे तो मसूड़ों में सूजन, या खून आने की समस्या शुरू हो जाती है और खाने में तकलीफ हो सकती है।
जबड़े में दर्द: अगर सूजन या मवाद मसूड़ों और दांत से ज्यादा गहराई में चल जाए, तो वो मांसपेशियों में पहुच कर उस में सूजन पैदा करता है, जिस से जबड़े में दर्द शुरू हो जाता है।
इम्पैक्टेड विज़डम टूथ के कारण
इम्पैक्टेड विज़डम टूथ के कई कारण हो सकते हैं:
- दांत और जबड़े का साइज़ अलग अलग होना: हमारे शरीर के सभी अंग हमे आनुवंशिक रूप में अपने माता पिता से मिलते है! कभी कभी ऐसा होता है कि हमे अपने एक पेरन्ट से छोटा जबड़ा मिलता है, और दूसरे पेरन्ट से बड़े दांत! अब ऐसी अवस्था में जगह तो कम पड़ेगी ही, और दांत हो जाएंगे टेढ़े!
- खान पान में बदलाव: प्राकृतिक रूप से हमारे दांत कच्चा खाने के लिए बने है! पुराने समय में, कच्चा खाना खाने से दांत प्राकृतिक रूप से घिसते थे, और अक्कल दांत को निकलने के लिए पर्याप्त जगह मिल जाती थी! खाने समय के बदलाव के कारण अब दांत कम घिसते है, और साफ सफाई रखने के कारण दांतों में कीड़ा भी कम लगता है! पुराने समय में, 20 साल की उम्र तक दांतों के घिसने या कीड़ा लगने की वजह से मुह में अक्कल दाड़ निकलने की जगह बन जाती थी! खान पान के इन बदलावों के कारण अब वो जगह नहीं बनती और अक्कल दाड़ इम्पैक्टेड विज़डम टूथ में बदल जाती है!
इम्पैक्टेड विज़डम टूथ का इलाज
अगर आप को अक्कल दाड़ में दर्द है, तो डॉ आकाश सब से पहले आप को क्लिनिकाली चेक करेंगे और जरूरत पड़ने पर opg नामक एक्स-रेय लेंगे! इम्पैक्टेड विज़डम टूथ का इलाज मुख्यता दांत की अवस्था के अनुसार किया जाता है :
- दवाइयाँ: अगर आप की अक्कल दाड़ सीधी या रही है, तो दांत के निकलने के दौरान लगने वाले प्रेशर की वजह से मसूड़े में सूजन और दर्द हो सकता है! इस प्रकार के दर्द और सूजन को कम करने के लिए दवाइयाँ दी जाती हैं।
- ऑपरक्युलेक्टोमी: अगर एक्स-रे में दांत सीधा दिख रहा है, मगर मुंह के अंदर दांत पर मसूड़ा गला न हो तो इस मसूड़े में अक्सर सूजन आती है! अगर दवाई लेने के बावजूद दर्द में आराम न हो तो ओपेरकुलेक्टोमी नाम की प्रक्रिया के द्वारा दांत के ऊपर की मसूड़े की परत को हटा दिया जाता है। इस प्रक्रिया से दांत अपनी सही जगह पर या जाता है, और आप उसे साफ सुथरा रख सकते है, ताकि उस में दोबारा कोई सूजन न आए!
- दांत निकालना: अगर दांत टेढ़ा हो व खुद से साफ सफाई न रह पा रही हो तो उस दांत की वजह से बगल वाले दांत में कीड़ा लगने या अकाल दांत के पीछे वाली हड्डी गलनी शुरू हो जाती है! ऐसे दांतों के लिए डॉ आकाश अरोरा टेढ़ी अक्कल दाड़ निकलने की सलाह देते है, ताकि आगे वाले स्वस्थ दांत और हड्डी को बचाया जा सके!
आप अपनी अवस्था के बारे में डॉ आकाश अरोरा से मिल कर पर्सोनली सलाह कर सकते है! आपकी स्थिति के अनुसार सबसे उपयुक्त इलाज का सुझाव देंगे। वे आपको समझाएंगे कि आपकी कन्डिशन में क्या करना सबसे अच्छा रहेगा और क्यों।
पेरिकोरोनाइटिस और इम्पैक्टेड विज़डम टूथ में क्या अंतर है?
पेरिकोरोनाइटिस और इम्पैक्टेड विज़डम टूथ दो अलग-अलग चीजें हैं, लेकिन अक्सर एक साथ होती हैं।
पेरिकोरोनाइटिस: मसूड़ों की सूजन है जो तब होती है जब दांत आंशिक रूप से निकला हो। जब अक्कल दाड़ के ऊपर का मसूड़ा ऊपर और नीचे के दांतों के बीच में दब जाता है, तो इस मसूड़े में सूजन आती है, जिसे पेरिकोरोनाइटिस कहते है!
इम्पैक्टेड विज़डम टूथ: वह दांत है जो पूरी तरह से नहीं निकल पाता और जबड़े में ही फंस जाता है।
इन दोनों में अंतर समझने के लिए, आप इन लक्षणों पर ध्यान दे सकते हैं:
पेरिकोरोनाइटिस के लक्षण:
- मसूड़ों में लालिमा और सूजन
- दांत के आस-पास दर्द
- मुंह से बदबू आना
- मुंह खोलने में दिक्कत
इम्पैक्टेड विज़डम टूथ के लक्षण:
- जबड़े में दर्द
- पास के दांतों में दर्द
- मुंह पूरा न खुलना
- सिरदर्द
याद रखें, केवल एक दंत चिकित्सक ही सही निदान कर सकता है। अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दे, तो तुरंत डॉ आकाश अरोरा से डेंटल पार्क गाज़ियाबाद में संपर्क करें।
अक्ल दाढ़ की देखभाल कैसे करें?
अक्ल दाढ़ की देखभाल के लिए कुछ सरल उपाय हैं:
- नियमित रूप से ब्रश करें: दिन में दो बार ब्रश करना न भूलें। यह दांतों के बीच में कहना फंसने से रोकता है!
- फ्लॉस का उपयोग करें: फ्लॉस से दांतों के बीच की जगह साफ होती है। जिस जगह पर टूथ ब्रश नहीं जा पते, फ्लॉस उस जगह को साफ रखने में मदद करती है! अगर आप को फ्लॉस का उपयोग करना नहीं आता तो आप डेंटल पार्क गाज़ियाबाद में डॉ आकाश अरोरा से संपर्क कर सकते है, जो आप को फ्लॉस करने का सही तरीका सिखाएंगे!
- मुंह साफ रखें: खाने के बाद मुंह को पानी से अच्छी तरह कुल्ला करें।
- नियमित चेकअप: हर 6 महीने में एक बार दंत चिकित्सक से मिलें। आप के डॉ दांतों में होने वाले बदलावों को इस दौरान पकड़ सकते है, और आगे बढ़ने से रोक सकते है! अधिक विलंब करने से दांतों की हालत ऐसी हो जाती है, कि बचने वाले दांत भी निकलने पद सकते है!
- स्वस्थ आहार: मीठे और चिपचिपे खाद्य पदार्थों से बचें। यह किटाणुओ के लिए सम्पूर्ण आहार है! अगर आप इसे अवॉइड नहीं कर सकते तो इस प्रकार के खाने के बाद अच्छे से कुल्ला जरूर करे!
डेन्टिस्ट से कब मिलें?
अगर आपको निम्नलिखित में से कोई भी लक्षण दिखाई दे, तो डेंटल पार्क में तुरंत डॉ आकाश अरोरा से मिलें:
- जबड़े में तेज दर्द
- मसूड़ों में सूजन या लालिमा
- मुंह खोलने में कठिनाई
- लगातार सिरदर्द या गर्दन में दर्द
- बुखार या थकान
- मुंह से लगातार बदबू आना
- चबाने में तकलीफ
याद रखें, जल्दी इलाज कराने से बड़ी समस्याओं से बचा जा सकता है।
अक्ल दाढ़ निकालने की प्रक्रिया
अगर डॉ आकाश अरोरा ने आपकी अक्ल दाढ़ निकालने का फैसला किया है, तो घबराने की कोई बात नहीं है। यह एक सामान्य प्रक्रिया है जो कुछ ही समय में पूरी हो जाती है। आइए इस प्रक्रिया को समझें:
- सबसे पहले, डॉक्टर आपके मुंह को सुन्न कर देंगे। यह सुन्न का असर 2 से 3 घंटे तक रहता है, जिस दौरान आपका दांत निकाल जाएगा और आप आराम से अपने घर पहुच जाएंगे!
- फिर, डॉ आकाश दांत के आसपास की जगह को साफ करेंगे। ताकि बाहर के किटाणु शरीर के अंदर न जा पाए!
- अगर जरूरत पड़ी, तो वे दांत को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट सकते हैं। इस से आप की हड्डी को बचाते हुए कम जगह से दांत निकाला जा सकता है। डॉ आकाश अरोरा का इसी चीज में तजुर्बा है! बहुत से डॉ अक्कल दाड़ निकलने के लिए अत्यधिक हड्डी काट देते है, जिस की वजह से बाद में मरीजों को परेशानी महसूस हो सकती है! मगर डेंटल पार्क के डॉ आकाश अरोरा का तजुर्बा है की वो हड्डी को जितना बचाया जा सकता है, उतना बचाते है!
- फिर वे दांत को धीरे-धीरे निकाल देंगे।
- अक्कल दांत निकलने के बाद अक्सर एक या दो छोटे से टांके दे दिए जाते है! ऐसा इसलिए जरूरी है, क्योंकि अक्कल दांत के एरिया में गाल और दांत के बीच की जगह कम होती है, तो खाना निकले हुए दांत की जगह में जा कर फ़स सकता है, जो खुद से साफ नहीं होगा, और मवाद बना सकता है! टांके लगाने से इस प्रकार खाना फ़सने का चांस बहुत कम हो जाता है, और घाव जल्दी भरता है!
पूरी प्रक्रिया में आमतौर पर 30 मिनट से एक घंटे का समय लगता है। इस प्रक्रिया के दौरान आप डेंटल पार्क में मधुर और अपनी पसंद के गाने इन्जॉय कर सकते है!
दांत निकलवाने के बाद क्या करें?
दांत निकलवाने के बाद कुछ दिनों तक आपको सावधानी बरतनी होगी। यहां कुछ सुझाव हैं:
- आराम करें: ज्यादातर मरीज दांत निकलने के बाद अपनी दैनिक कार्यकलाप कर सकते है! मगर कुछ लोगों को आराम की आवश्यकता महसूस होती है! अगर आपको थकान महसूस हो तो आप एक दिन का आराम कर सकते है!
- बर्फ लगाएं: चेहरे पर बर्फ की सिकाई करें। इससे सूजन कम होगी।
- नरम खाना खाएं: कुछ दिनों तक नरम खाना खाएं जैसे दलिया, सूप आदि।
- धूम्रपान न करें: कम से कम एक हफ्ते तक धूम्रपान न करें।
- मुंह साफ रखें: डॉक्टर आकाश अरोरा के बताए तरीके से मुंह साफ रखें ताकि वह जल्दी ठीक हो।
अक्ल दाढ़ से जुड़े मिथक और सच्चाई
अक्ल दाढ़ के बारे में कई भ्रांतियां प्रचलित हैं। आइए कुछ प्रमुख मिथकों और उनकी सच्चाई को जानें:
सच्चाई: हर किसी को अक्ल दाढ़ निकलवाने की जरूरत नहीं होती। अगर दांत सही तरह से निकल रहा है और कोई समस्या नहीं दे रहा, तो उसे रहने दिया जा सकता है।
सच्चाई: आधुनिक तकनीकों और दवाओं की मदद से यह प्रक्रिया अब पहले की तुलना में कम दर्दनाक हो गई है। ज्यादातर लोग मामूली असुविधा के साथ इस प्रक्रिया से गुजर जाते हैं।
सच्चाई: अक्ल दाढ़ का आपकी बुद्धि से कोई संबंध नहीं है। यह नाम केवल इसलिए दिया गया क्योंकि ये दांत आपकी उम्र के उस पड़ाव में निकलते हैं जब आप परिपक्व हो रहे होते हैं।
सच्चाई: अक्ल दाढ़ निकालने से आमतौर पर चेहरे के आकार में कोई बदलाव नहीं आता। ये दांत इतने पीछे होते हैं कि इनका निकलना या न निकलना आपके चेहरे के बाहरी हिस्से को प्रभावित नहीं करता।
अक्ल दाढ़ और खान-पान
अक्ल दाढ़ निकलने के दौरान या उसके इलाज के बाद, आपके खान-पान में कुछ बदलाव करने पड़ सकते हैं। यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं:
- ठंडे खाद्य पदार्थ: आइसक्रीम, योगर्ट जैसे ठंडे खाद्य पदार्थ सूजन कम करने में मदद कर सकते हैं।
- नरम खाना: खीर, दलिया, मैश किए हुए आलू जैसे नरम खाद्य पदार्थ खाएं।
- तरल पदार्थ: सूप, शेक, स्मूदी जैसे तरल पदार्थ लें।
- कड़े और चिपचिपे खाद्य पदार्थों से बचें: चिप्स, कैंडी, पॉपकॉर्न जैसे खाद्य पदार्थों से बचें।
याद रखें, अच्छा खान-पान न केवल आपके दांतों के लिए, बल्कि पूरे शरीर के लिए फायदेमंद होता है।
अक्ल दाढ़ और जीवनशैली
अक्ल दाढ़ से जुड़ी समस्याओं से बचने के लिए कुछ जीवनशैली में बदलाव किए जा सकते हैं:
- नियमित व्यायाम: नियमित व्यायाम से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, जो संक्रमण से लड़ने में मदद करती है।
- तनाव कम करें: तनाव कम करने से आपके शरीर की हीलिंग क्षमता बढ़ती है।
- पर्याप्त नींद लें: अच्छी नींद आपके शरीर को ठीक होने में मदद करती है।
- पानी पीएं: पर्याप्त पानी पीने से आपका मुंह स्वच्छ रहता है और संक्रमण का खतरा कम होता है।
निष्कर्ष
अक्ल दाढ़ आपके मुंह का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, लेकिन कभी-कभी यह समस्याएं भी पैदा कर सकती है। नियमित दंत परीक्षा और अच्छी मौखिक स्वच्छता से आप इन समस्याओं से बच सकते हैं। याद रखें, समय पर उपचार न केवल दर्द से राहत देता है, बल्कि भविष्य की जटिलताओं को भी रोकता है।
डेंटल पार्क गाजियाबाद में डॉ. आकाश अरोड़ा और उनकी टीम आपकी हर दंत संबंधी समस्या का समाधान करने के लिए तत्पर है। अपने दांतों को प्राथमिकता दें और एक स्वस्थ, चमकदार मुस्कान पाएं। क्योंकि आपकी मुस्कान आपकी सबसे बड़ी ताकत है!
स्वस्थ रहें, मुस्कुराते रहें!