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दांत में फिलिंग: क्या दर्द होता है और क्या उम्मीद करें?

दांत में फिलिंग: क्या दर्द होता है और क्या उम्मीद करें?

Table of Contents

जब डॉक्टर कहते हैं कि आपको दांत में फिलिंग करवानी होगी, तो सबसे पहले मन में यही सवाल आता है – “क्या इसमें दर्द होगा?” लेकिन चिंता की कोई बात नहीं है। फिलिंग करवाने से आपके मुंह की सेहत और आराम में सुधार होता है, न कि बिगाड़। आइए जानें कि फिलिंग के दौरान क्या होता है और आप क्या उम्मीद कर सकते हैं।

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दांत में दर्द या झनझनाहट क्यों होती है?

आपके दांत में तीन परत होती है:

इनैमल: यह दांत की सबसे बाहर की परत होती है, जिसमे कोई जान नहीं होती, जैसे की आपके बाल ! अगर इस में कोई गड्डा या छेद हो जाए तो आप को कोई दर्द महसूस नहीं होता ! मगर इस छेद में खाना फ़स जाता है, जो साफ नहीं हो पता! यही फ़सा हुआ खाना सड़ता है और आगे चलकर मवाद बनाता है!

डेन्टिन: यह दांत की दूसरी परत होती है जो इनैमल के 2 से 3 mm नीचे होती है! अगर दांत का छेद इस परत तक पहुच जाए तो डेन्टिन में हवा लगने में भी झनझनाहट होती है!

पल्प या दांत की नस: इनैमल की परत से 2.5 mm की गहराई से पल्प जिसे आम भाषा में दांत की नस कहते है, वो शुरू हो जाती है! इस पल्प में खून की नस और दर्द की नस होती है, जिसमे एक बार छेद हो गया तो नस में सूजन आ जाती है! जब सूजन आती है, तो नस फैलने की कोशिश करती है, मगर चारों तरफ सख्त इनैमल और डेन्टिन की परत होने की वजह से ये नस फैल नहीं पाती और दांत में दर्द शुरू हो जाता है! अगर आपने इस दौरान दर्द की दवाई ले ली तो दर्द तो तब जाता है, मगर यह नस उस प्रेशर की वजह से मर जाती है, और मवाद बननी शुरू हो जाती है! यह मवाद तरल होती है और अगर इसे थोड़ी से भी जगह मिल जाए तो यह बाहर निकल जाती है! एक बार अगर यह बाहर निकाल जाए तो आपको दर्द में आराम हो जाता है!   

दांत की फिलिंग कब कर सकते है?

अगर दांत में छेद इनैमल या डेन्टिन में हुआ है, तो उस को साफ कर के उसमे फिलिंग की जा सकती है! क्योंकि इनैमल में कोई जान नहीं होती तो इसे भरने में आपको कोई दर्द नहीं होता, जैसे की बाल कटवाने में आपको कोई दर्द नहीं होता!

अगर दांत का छेद डेन्टिन तक पहुचा हुआ हो फिलिंग के दौरान आप को दर्द नहीं होता मगर झनझनाहट महसूस हो सकती है! अगर आपको इस झनझनाहट से परेशानी महसूस हो तो आप अपने डेन्टिस्ट को बात सकते है, जो सुन्न की दवाई के द्वारा इसे कंट्रोल कर सकते है!

दांत में फिलिंग में दर्द कब होता है?

अगर दांत का छेद या कीड़ा पल्प या नस तक पहुच जाए, तो उस में फिलिंग नहीं कर सकते क्योंकि दांत की फिलिंग करने से जो मवाद बाहर निकल रहा, उस के निकलने का रास्ता बंद हो जाएगा! वह मवाद दांत के अंदर ही इकठा होकर दांत में प्रेशर बढ़ा देगा और आपको दर्द शुरू हो जाएगा! अगर इस के बावजूद भी मवाद को बाहर निकलने ही जगह नहीं मिली, तो यह मवाद हड्डी को गला कर बाहर निकलने की कोशिश करेगा और मासपेशी में जमा होकर सूजन बना देगा! इस अवस्था में दांत की फिलिंग नहीं की जाती अपितु रूट कनाल किया जाता है!

दांत की फिलिंग की प्रक्रिया

फिलिंग से पहले

फिलिंग शुरू करने से पहले, डॉक्टर आपके दांत के आसपास के हिस्से को सुन्न कर देंगे। इससे आपको आराम मिलेगा और घबराहट कम होगी। आम तौर पर वे पहले मसूड़ों पर एक सुन्न करने वाला लोशन लगाएंगे और फिर लोकल एनेस्थीसिया का इंजेक्शन देंगे। हालांकि इंजेक्शन में बस एक पल के लिए हल्का सा दर्द या चुभन होती है, लेकिन कुछ लोगों को सुई का ख्याल ही डरा देता है। अगर आप भी ऐसा महसूस करते हैं, तो डेंटल पार्क गाज़ियाबाद के डॉक्टर से बात करें। वे आपको शांत करने के लिए कुछ तरीके बता सकते हैं।

कई बार अगर दांत में छेद ज्यादा गहरा नहीं है, तो डॉक्टर बिना एनेस्थीसिया के भी फिलिंग कर सकते हैं। इससे आपको सुई का डर नहीं सताएगा।

फिलिंग के दौरान

जब आपका दांत सुन्न हो जाएगा, तो आपको कोई दर्द नहीं होगा। हां, आप थोड़ा दबाव या ड्रिल की कंपन महसूस कर सकते हैं। कई लोग कहते हैं कि ड्रिल की आवाज़ से उन्हें घबराहट होती है। अगर आपको भी ऐसा लगता है, तो अपने साथ हेडफोन ले जाएं और अपना पसंदीदा संगीत सुनें। इससे आप शांत रह सकेंगे। डेंटल पार्क में प्रक्रिया के दौरान संगीत बजता है, और आप अपना पसंद के गानों के बारे में बता सकते है, जो आपकी घबराहट को कम करे!

फिलिंग का काम आम तौर पर जल्दी हो जाता है। एक साधारण छेद को भरने में सिर्फ 20-30 मिनट लगते हैं। अगर छेद ज्यादा गहरा है या एक से ज्यादा दांतों में फिलिंग करनी है, तो थोड़ा ज्यादा समय लग सकता है।

फिलिंग के बाद

जब एनेस्थीसिया का असर खत्म होने लगेगा, तो आपको थोड़ी संवेदनशीलता या झनझनाहट महसूस हो सकता है। यह सामान्य है और कुछ घंटों में अपने आप ठीक हो जाता है। कुछ दिनों तक आपका दांत गर्म या ठंडी चीज़ों के प्रति संवेदनशील हो सकता है।

दर्द को प्रभावित करने वाले कारक

कई चीज़ें इस बात को प्रभावित करती हैं कि आपको कितना असुविधा महसूस होगी:

छेद का आकार और गहराई: अगर छेद ज्यादा गहरा है और दांत के नस के करीब है, तो ज्यादा संवेदनशीलता हो सकती है।

छेद का स्थान: अगर छेद दांत की जड़ के पास है, तो वहां ज्यादा संवेदनशीलता हो सकती है।

फिलिंग की संख्या: अगर एक बार में कई दांतों में फिलिंग की जा रही है, तो लंबे समय तक मुंह खुला रखने से जबड़े में दर्द हो सकता है।

असुविधा को कम करने के तरीके

दर्द को कम करने के लिए आप ये उपाय अपना सकते हैं:

  • छेद को भरवाने में देरी न करें। शुरुआती छेद को भरना आसान होता है और कम दर्दनाक होता है।
  • अगर आप घबरा रहे हैं या असहज महसूस कर रहे हैं, तो डॉक्टर से बात करें।
  • फिलिंग के बाद डॉक्टर जो सलाह दें, उसका ध्यान से पालन करें।

याद रखें, फिलिंग का मकसद आगे चलकर होने वाले दर्द और सड़न को रोकना है। भले ही आपको थोड़ी असुविधा हो, लेकिन यह स्वस्थ मुस्कान के लिए एक छोटी सी कीमत है।

डेंटल फिलिंग के प्रकार

दांतों में अलग-अलग तरह की फिलिंग की जा सकती है। आइए जानें इनके बारे में:

अमलगम फिलिंग: यह सबसे पुरानी और सस्ती फिलिंग है। इसमें चांदी, तांबा और पारा जैसी धातुओं का मिश्रण होता है। यह मजबूत होती है लेकिन दिखने में चांदी के रंग की होती है।

कंपोजिट फिलिंग: यह प्लास्टिक और सिरेमिक के मिश्रण से बनती है। इसका रंग दांत जैसा होता है, इसलिए यह दिखने में अच्छी लगती है।

गोल्ड फिलिंग: यह सोने से बनी होती है और बहुत मजबूत होती है। लेकिन यह महंगी होती है और दिखने में अलग लगती है।

पोर्सलेन फिलिंग: यह दिखने में बिल्कुल दांत जैसी लगती है और लंबे समय तक चलती है। लेकिन यह थोड़ी महंगी होती है।

डेंटल फिलिंग के बाद देखभाल

फिलिंग करवाने के बाद कुछ दिनों तक आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए:

  • कुछ घंटों तक कुछ न खाएं, जब तक कि सुन्नपन पूरी तरह खत्म न हो जाए।
  • गर्म या ठंडी चीज़ें खाने से बचें, क्योंकि आपका दांत संवेदनशील हो सकता है।
  • अगर आपको लगता है कि फिलिंग ऊंची है या दांतों के बीच में ठीक से फिट नहीं हो रही है, तो डॉक्टर से संपर्क करें।

अपने दांतों की अच्छी तरह सफाई करते रहें और नियमित रूप से डॉक्टर के पास चेकअप के लिए जाएं।

क्या फिलिंग हमेशा के लिए रहती है?

फिलिंग स्थायी होती है, लेकिन यह हमेशा के लिए नहीं रहती। समय के साथ फिलिंग खराब हो सकती है या गिर सकती है। इसलिए नियमित चेकअप जरूरी है। अगर आप अपने दांतों की अच्छी देखभाल करेंगे, तो फिलिंग लंबे समय तक चलेगी।

फिलिंग से बचने के उपाय

फिलिंग से बचने का सबसे अच्छा तरीका है अपने दांतों की अच्छी देखभाल करना। इसके लिए आप ये उपाय अपना सकते हैं:

  • दिन में दो बार अच्छी तरह से दांत साफ करें।
  • रोज़ाना फ्लॉस करें।
  • मीठी और चिपचिपी चीज़ें कम खाएं।
  • नियमित रूप से डेंटल पार्क में डेंटिस्ट के पास चेकअप के लिए जाएं।
  • फ्लोराइड वाला टूथपेस्ट और माउथवॉश इस्तेमाल करें।

बच्चों की डेंटल फिलिंग

बच्चों के दांतों में भी कैविटी हो सकती है और फिलिंग की जरूरत पड़ सकती है। बच्चों की फिलिंग के लिए कुछ खास बातों का ध्यान रखा जाता है:

  • डेंटल पार्क में पैडोडॉन्टिस्ट डॉक्टर (बच्चों के दांतों के स्पेशलिस्ट) बच्चे को पूरी प्रक्रिया समझाएंगे ताकि वह डरे नहीं।
  • कई बार बच्चों को नाइट्रस ऑक्साइड गैस दी जाती है जो उन्हें शांत रखती है। डेंटल पार्क गाज़ियाबाद में उन गिनेचुने डेंटल क्लिनिक्स में से है, जिसके पास यह सुविधा उपलब्ध है! इस में बच्चे को हल्की नीड़ आती है, जिससे वो शांत होकर दांत का इलाज करवा सकता है!
  • बच्चों के लिए विशेष फ्लेवर वाली एनेस्थीसिया का इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • फिलिंग के बाद बच्चे को इनाम दिया जा सकता है ताकि वह अच्छा महसूस करे।

कब डेन्टिस्ट से संपर्क करें?

फिलिंग के बाद अगर आपको इनमें से कोई समस्या हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें:

  • तेज़ दर्द जो दवा से भी ठीक न हो
  • फिलिंग गिर जाना
  • दांतों के बीच कुछ फंसा हुआ महसूस होना
  • चबाते समय असहज महसूस होना

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

नहीं, आमतौर पर फिलिंग दर्दनाक नहीं होती। डॉक्टर स्थानीय एनेस्थीसिया का उपयोग करते हैं जो आपके दांत को सुन्न कर देता है। फिलिंग के दौरान आप केवल हल्का दबाव महसूस कर सकते हैं।

फिलिंग के बाद आपका दांत कुछ दिनों तक गर्म या ठंडी चीजों के प्रति संवेदनशील हो सकता है। यह सामान्य है और आमतौर पर एक सप्ताह के भीतर ठीक हो जाता है।

नहीं, विभिन्न प्रकार की फिलिंग होती हैं जैसे अमलगम, कंपोजिट, गोल्ड और पोर्सलेन। आपके दांत की स्थिति और आपकी पसंद के आधार पर डॉक्टर सबसे उपयुक्त फिलिंग का सुझाव देंगे।

फिलिंग के तुरंत बाद खाने की सलाह नहीं दी जाती। एनेस्थीसिया का प्रभाव खत्म होने तक (लगभग 2-3 घंटे) इंतजार करना चाहिए। इससे आप अनजाने में अपने गाल या जीभ को काटने से बच सकते हैं।

एक अच्छी तरह से की गई फिलिंग कई वर्षों तक चल सकती है। हालांकि, यह आपकी मौखिक स्वच्छता, खाने की आदतों और दांतों की देखभाल पर निर्भर करता है। नियमित डेंटल चेकअप से फिलिंग की स्थिति की जांच की जा सकती है।

निष्कर्ष

दांत में फिलिंग करवाना डरावना लग सकता है, लेकिन वास्तव में यह एक साधारण और कम दर्द वाली प्रक्रिया है। अच्छी फिलिंग आपके दांतों को स्वस्थ रखने में मदद करती है और आगे चलकर होने वाले दर्द से बचाती है। अगर आपको लगता है कि आपके दांत में छेद है, तो जल्द से जल्द डेंटल पार्क के डेन्टिस्ट से मिलें। जितनी जल्दी फिलिंग होगी, उतना ही कम दर्द होगा और आपके दांत स्वस्थ रहेंगे।

याद रखें, स्वस्थ दांत आपकी मुस्कान को और भी सुंदर बनाते हैं। इसलिए अपने दांतों की देखभाल करें और मुस्कुराते रहें!

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Nilesh

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